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View Full Version : तुम कौन हो बे - पुनीत शर्मा



qesehmk
08-16-2020, 05:05 PM
तुम कौन हो बे - पुनीत शर्मा

हिंदुस्तान से मेरा सीधा रिश्ता है, तुम कौन हो बे
क्यूँ बतलाऊँ तुमको कितना गहरा है, .तुम कौन हो बे

तुम चीखो तुम ही चिल्लाओ कागज़ ला लाकर बतलाओ
पर मेरे कान ना खाओ तुम बेमतलब ना गुर्राओ तुम
ये मेरा देश है इस से मैं चुपचाप मोहब्बत करता हूँ
अपनो की जहालत से इसकी हर रोज़ हिफ़ाज़त करता हूँ

तुम पहले जाहिल नहीं हो जो कहते हो चीख के प्यार करो
इतना गुस्सा है तो अपने चाकू में जा कर धार करो
और लेकर आओ घोंप दो तुम वो चाकू मेरी पसली में
ग़र ऐसे साबित होता है तुम असली हो और नकली मैं

हिंदुस्तान से मेरा सीधा रिश्ता है, तुम कौन हो बे
क्यूँ बतलाऊँ तुमको कितना गहरा है, तुम कौन हो बे

जा नहीं मैं तुझ को बतलाता कि क्या है ये धरती मेरी,
किन शहरों से, किन लोगों से, मैंने पायी हस्ती मेरी,
किन फसलों में लहराता था, वो अन्न जो हर दिन खाया है,
क्या मैंने इस से पाया है और क्या मैंने लौटाया है,

जा नहीं मैं तुझ को बतलाता कि कैसे प्यार जताता हूँ,
वो कौनसा वादा है इस से, जो हर इक रोज़ निभाता हूँ,
वो कौनसा कस्बा था जिस से मेरी माँ ब्याह के आयी थी,
किस बेदिल एक मोहल्ले में मैंने चप्पल चटकाई थी,

किस रस्ते से हो कर के मेरी बहन लौटती थी घर को,
किन कवियों का नमक मिला है इस कविता के तेवर को,
क्या वो बोली थी जिस में मुझ को दादी ने गाली दी,
और इश्क़ लड़ाने को दिन में किन बागों ने हरियाली दी,

जिन से उधार था भइया का, वो कौनसी पान की गुमटी थी,
किस के मशहूर अखाड़े में पापा ने सीखी कुश्ती थी,
किस स्कूल में मेरे यार बने, किस गली में मैंने झक मारी
किस खोमचेवाले ने समझी थी मेरी जेब की लाचारी

अरे जाओ नहीं मैं बतलाता, और तुम भी मत बतलाओ ना
मैं अपने घर को जाता हूँ, तुम अपने घर को जाओ ना,
देखो! मैं तो बतला भी दूँ, पर वतन ही बेकल है थोड़ा
जो उस के मेरे बीच में है, वो इश्क़ पर्सनल है थोड़ा

तुम नारों से आकाश भरो धरती भर दो पाताल भरो
पर मुझ को फ़रक नहीं पड़ता ये सस्ता नशा नहीं चढ़ता
तुम जो हो भाई हट जाओ अभी देश घूमना है मुझ को
“इस वतन के हर इक माथे का हर दर्द चूमना है मुझ को”

तुम धरम जो मेरा पूछोगे तो हँस दूँगा कि क्या पूछा
तुम ने ही मुझ से पूछा था इस देश से मेरा रिश्ता क्या
जो अब भी नहीं समझ पाए तो कुछ भी आगे मत पूछो
तुम कैसे समझोगे आख़िर ये प्रेम की बातें हैं ऊधो

हिंदुस्तान से मेरा सीधा रिश्ता है, तुम कौन हो बे
क्यूँ बतलाऊँ तुमको कितना गहरा है, तुम कौन हो बे

gc_dedo
08-16-2020, 07:11 PM
Fantastic!! Very very relevant in these times.